india moon mission chandrayaan 2

ISRO INDIA MOON MISSION 


भारत के अंतरिक्ष संगठन ISRO का नाम तब विश्व भर में चर्चा का विषय बन गया जब ISRO ( भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) ने 22 अक्टूबर 2008 को मानवरहित यान चंद्रमा पर तेजा भारत का यह मिशन बहुत ही कम लागत में सफल हुआ था इस यान को चंद्र पर पहुंचने में करीबन 5 दिन लगे और उसे चंद्र की कक्षा में स्थापित होने में 15 दिन का समय लगा चंद्रयान भेजने के बाद चांद पर यान भेजने वाला भारत विश्व का छठा देश बन चुका था
india moon mission chandrayaan 2
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ISRO INDIA MOON MISSION LAUNCH


  • Chandrayaan-1 में जमीन वह वातावरण के बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारी दी और चंद्रमा पर पानी होने के सबूत भी जमा किए है chandrayaan-1 28 अगस्त 2009 तक संपर्क में रहा और जानकारियां भेजता रहा

INDIA MOON MISSION CHANDRAYAAN 2 LANDING


  • Chandrayaan-1 के बाद भी भारत में अपना चंद्र की जानकारी हासिल करने का प्रोग्राम जारी रखा और उसके तहत जुलाई 2019 में इसरो ने एक और यान को चंद्र की तरफ भेजा और जिसका नाम रखा गया चंद्रयान 2 chandrayaan-2 की यात्रा 22 जुलाई 2019 दोपहर 2:00 बज कर 43 मिनट से शुरू हो चुकी है चंद्रयान 2 के कारण विश्व में अंतरिक्ष की खोज करने वाले देशों में भारत का रुतबा और बढ़ चुका हैभारत का चंद्रयान 2 चांद के दक्षिण ध्रुव पर सितंबर के पहले हफ्ते में लैंड करेगा

INDIA MOON MISSION 2 CHANDRAYAAN 

MOON MISSION VIKRAM AND PRAGNAAN CHANDRAYAAN 2

VIKRAM AND PRAGNAAN CHANDRAYAAN 2

VIKRAM AND PRAGNAAN CHANDRAYAAN 2


  • Chandrayaan-1 ने चंद्र की भ्रमण कक्षा में रहते हुए ही चंद्र की जानकारी प्रदान की थी लेकिन chandrayaan-2 चंद्र पर लैंडिंग भी करेगा और वहां के वातावरण एवं जलवायु और भूमि के बारे जानकारी भी प्रदान करेगा जो पूरे विश्व के लिए बहुत ही अहम होगी और हम हमारे कुदरती उपग्रह चांद के बारे में और जानकारी प्राप्त कर सकेंगे चांद के दक्षिण ध्रुव पर उतरने वाला सबसे पहला अंतरिक्ष यान होगा चंद्रयान 2 इस मिशन मे लेंडर का नाम “विक्रम” रखा गया है जो कि इसरो के प्रथम प्रमुख डॉ विक्रम साराभाई के नाम पर रखा गया है जिन्होंने भारत में अंतरिक्ष की खोज को बहुत बढ़ावा दिया था और भारत का नाम पूरे विश्व में रोशन किया था रोवर का नाम “प्रज्ञान” रखा गया है
  • लैंडर वह है जिसके जरिए चंद्रयान पहुंचेगा और रोवर का मतलब उस वाहन से है जो चांद पर पहुंचने के बाद वहां की चीजों को समझेगा मतलब लैंड रोवर को लेकर जाएगा

MOON MISSION CHANDRAYAAN 2 INFORMATION




  • Chandrayaan-2 भारत की चांद पर उतरने की चांद पर उतरने की पहली कोशिश है इसके पहले यह काम रूस अमरीका और चीन कर चुके हैं अंतरिक्ष यान का कुल वजन 4 टन है


  • Chandrayaan-2 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतारने का मुख्य कारण यह है कि दक्षिण ध्रुव एक ऐसा क्षेत्र है अभी तक जांच नहीं की गई और इस इलाके का अधिकतर हिस्सा छाया में रहता है और सूरज की किरणें बहुत कम गिरने की वजह से यह हिस्सा बहुत ही ठंडा रहता है



  • वैज्ञानिकों का अंदाजा है कि हमेशा छाया में रहने वाले इस क्षेत्रों में पानी और खनिज होने की संभावना हो सकती है

  • चंद्रयान 2 का लेंडर इसी साल 6 सितंबर को चांद के दक्षिण ध्रुव के पास सपाट जगह पर उतरेगा और रोवर इस इलाके में करीबन 14 दिनों तक जांच और प्रयोग करेगा इस मिशन के लिए भारत में सबसे ताकतवर 640 टन के रॉकेट जीएसएलवी एके 3 का इस्तेमाल किया है

  • इसके अलावा chandrayaan-2 चांद पर अशोक चक्र और इसरो के प्रतीक की छाप छोड़ कर आएगा जो एक भारत के लिए बहुत ही गर्व की बात है



  • और इसरो के हवाले से यह भी खबर आ रही है कि 2022 तक चांद पर किसी अंतरिक्ष यात्री को भेजने की योजना पर काम कर रहा है यदि यह संभव हुआ तो भारत विश्व फलक पर अपनी प्रतिभा एवं तकनीक के क्षेत्र में अपना एक अलग ही स्थान प्राप्त कर लेगा और विश्व के विकसित देश अमेरिका रशिया चीन आदि को बड़ी चुनौती भी देगा

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